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१० सफल भारतीय महिलाएं और उनकी प्रेरणादायक जीवन-गाथा

जब एक विश्व स्टार के बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमि-फाइनल में आप पी.वी. सिंधु और साइना नेहवाल को आमने-सामने देखते हैं, तो दिल गदगद हो उठता है। साइना और सिंधु से प्रेरित होकर आज देश भर में लाखों स्कूली बच्चे क्रिकेट के बल्ले की बजाय शान से बैडमिंटन का रैकेट उठाये दिख रहे हैं। आज देखते हैं ऐसी ही दस भारतीय महिलाओं की जीवन-गाथा जिन्होनें देशवाशियों को अपने कार्यों से प्रेरित किया है।

1. मैरीकॉम

पांच बार की बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन मैरीकॉम तीन बच्चों की माँ बनने के बाद भी – जब देश के लिए ओलंपिक्स में भाग लेने का मौका आया, तो पीछे नहीं हटी। २०१२ के लंदन ओलंपिक्स में पहली बार महिलाओं के लिए मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा को सम्मिलित किया गया था। तब तक मैरी कॉम अपने खेल जीवन की संध्या में थीं और एक माँ भी बन चुकी थीं। लेकिन दाद दीजिये उनके हौसले की – न केवल मैरीकॉम जम कर खेलीं, पर ऐसा खेलीं कि मैडल लेकर ही वापिस आयी।

मणिपुर की एम्. सी. मैरीकॉम ने न केवल सबका दिल जीता, पर साथ ही साथ न जाने कितनी ही लड़कियों में खेलकूद के प्रति रूचि को बढ़ाया। उनके जीवन पर तो फिर एक बॉलीवुड फिल्म भी बनी। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्मित इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने मुख्य भूमिका अदा की।

2. चंदा कोचर

आईसीआईसीआई बैंक की सी.ई.ओ. चंदा कोचर का नाम विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में आता है, इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में की थी ।और वे अपनी कड़ी मेहनत और काबिलियत के कारण आज आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ हैं। वे सफल होने के लिए विचारों में नवीनता को महत्वपूर्ण मानती हैं।

3. अरुंधति भट्टाचार्य

भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य इस बैंक की पहली महिला चेयरपर्सन हैं।

वे प्रारंभ में पत्रकार बनना चाहती थी। लेकिन बाद में उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर से की ,और अपनी मेहनत और लगन से भारत के सबसे बड़े बैंक की चेयरपर्सन बनने का गौरव प्राप्त किया ।

4. सानिया मिर्जा

सानिया मिर्ज़ा भारत की पहली टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता हैं। ऑस्ट्रेलियाई ओपन, विंबलडन सहित दुनिया के सभी नामी गिरामी टेनिस टूर्नामेंट के डबल्स मुकाबलों में उन्होनें विजय पायी है। एशियाई गेम्स, राष्ट्रमंडल खेलों सहित कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में सानिया ने भारत के लिए कई बार स्वर्ण पदक जीते हैं।

हैदराबाद की सानिया सच में हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है।

5. प्रियंका चोपड़ा

बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक प्रियंका चोपड़ा आज महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं, उन्होंने न केवल बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है।

वे अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत और हमेशा अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहने को मानती हैं।

6. लता मंगेश्कर

जब लता ने चीन युद्ध के समय ‘जरा आँख में भर लो पानी’ गीत गया तो पंडित नेहरू तक की आँखें नम हो गयी थीं। फिल्मफेयर अवार्ड तो उन्होनें इतने जीतें है कि बाद में उन्होनें खुद ही इस से अपना नाम वापस ले लिए ताकि यह अवार्ड अन्य किसी गायिका को भी मिल सके।

पार्श्व गायकी की दुनिया में लता से बड़ा शायद ही कोई नाम है, या होगा।

7. दीपा कर्माकर

जब रियो ओलंपिक्स से पहले दीपा ने ‘प्रोडुनोवा वॉल्ट’ करने का ऐलान किया, तो जिमनास्टिक्स की दुनिया मानो हिल सी गयी थी। जिमनास्टिक्स में प्रोडुनोवा से खतरनाक कोई वॉल्ट नहीं है – यह इतनी खतरनाक है कि एक गलती खिलाड़ी की जान तक ले सकती है।

लेकिन दीपा ने केवल कहा नहीं, ओलंपिक्स में उन्होनें सफलतापूर्वक प्रोडुनोवा वॉल्ट करके पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।

8. पी.वी सिंधु

पी.वी सिंधु भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिन्हीने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत पदक प्राप्त किया है। ये हमेशा कड़ी मेहनत और गलतियों में निरंतर सुधार को महत्व देती हैं।

9. मीराबाई चानू

सैखोम मीराबाई चानू ने लगभग पिछले बीस सालों के बाद भारत को भारोत्तोलन में गोल्ड मेडल दिलाया है। २०१७ में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में हुए विश्व भारोत्तोलन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके पहले १९९५ में कर्णम मल्लेश्वरी ने इसी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

10. लक्ष्मी सॉ

जहाँ आजकल सारे विश्व की महिलाएं अपने लुक को लेकर परेशान होती रहती है, वही लक्ष्मी सॉ जैसी महिलाएं एक नया नजरिया लेकर सामने आती है , एसिड अटैक से उनके चेहरे और त्वचा के जलने के बाद भी उन्होंने हर नही मानी और आज वे एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। उन्हें प्रेस्टीजियस इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज अवार्ड से नवाजा गया है ।

गत कई वर्षों से लक्ष्मी ‘छांव’ नाम से एक गैर सरकारी संस्था चला रही हैं – यह संस्था एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं को रोजगार दिलाने में मदद करता है। ऊपर दिया चित्र भी इसी सन्दर्भ में ही है। संस्था की लड़कियों आजकल टैटू बनाने का वर्कशॉप कर रही हैं।

अंकित चौबे

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