सूर्य हमारे सौर्य उर्जा में अरबों वर्षों से मौजूद है। यह सोलर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंग है। आकाशगंगा में कुल 200,000,000,000 तारे हैं। इनमें से हमारे सौर्य उर्जा में स्थित सूर्य भी एक तारा है। सूर्य गैसों से बना एक गोला है। इसमें 26% हीलियम गैस, 2% कार्बन एवं ऑक्सीजन गैस तथा 72% हाइड्रोजन गैस शामिल हैं।
सूर्य की गुरुत्वाकर्षण फोर्स पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से 27 गुना अधिक है। यदि किसी का वजन पृथ्वी पर 1 kg है, तो सूर्य पर उसका वजन 27 kg होगा। यदि कोई वस्तु सूर्य के 20 लाख 22 हज़ार किलोमीटर के दायरे में आती है, तो अपनी तीव्र गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण सूर्य उसे अपनी ओर खींच लेता है।
पृथ्वी पर जीवन के लिए सूर्य की उपस्थिति आवश्यक है। जिसके कारण पृथ्वी पर सूर्य को देव की संज्ञा दी जाती है। तो आइये जाने इस लेख के माध्यम से सूर्य के तापमान की जानकारी।
सूर्य का तापमान
वैज्ञानिक प्रयोगों के आधार पर यह ज्ञात हुआ है कि सूर्य के केंद्र का तापमान अनुमानित 150 लाख डिग्री सेंटीग्रेड है। इसके केंद्र में न्यूक्लियर फ्यूजन की क्रिया होती रहती है, जिसके कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है। सूर्य के सतह पर गरूत्वाकर्षण बल के कारण दबाव बना रहता है, जिसके कारण इसकी सतह का तापमान लगभग 6,000 डिग्री सेंटीग्रेड तक बना रहता है।
दिल्ली में जब तापमान 40 डिग्री पहुँच जाता है, तो दिल्लीवालों के पसीने छूट जाते हैं। तो फिर सोचिए, यह तापमान उससे डेढ़ हजार गुणा ज्यादा है!! अगर कोई मानव भूल-चूक से वहाँ पहुँच भी गया, तो उसका क्या हश्र होगा, यह सोचकर भी रूह काँप जाती है।
➡ चाँद धरती से कितना दूर है और वहां पहुँचने में कितना समय लगता है?
➡ पृथ्वी सूर्य से कितनी दूरी पर है? सूर्य की किरण को धरती पर पहुँचने में कितना समय लगता है?
सूर्य के तापमान की तीव्रता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि लोहे जैसा धातु भी 1430 डिग्री सेंटीग्रेड पर पिघल जाती है। इसका मतलब कोई भी पदार्थ सूर्य की सतह पर ठोस रूप में नहीं रह सकता है।
वायुमंडल तथा पृथ्वी की उर्जा का मुख्य स्तोत्र सूरज ही है। सौर्य उर्जा को ही सूर्य का तापमान कहते हैं। सूर्य से लगातार शून्य की ओर ताप तरंगों के रूप में उर्जा का प्रसारण होता रहता है। सूर्य के धरातल से उत्सर्जित ऊष्मा प्रति वर्ग इंच लगभग 1,00,000 अश्वशक्ति के बराबर होती है। पृथ्वी सूर्य से लगभग 14.96 करोड़ किलोमीटर दूर है। इसी कारणवस सूर्य से प्रसारित होने वाली उर्जा का केवल 12,00,00,00,000 भाग ही प्राप्त हो पाता है।
सूरज की शक्ति
सूर्य की शक्ति के दो अरबवे भाग से ही पृथ्वी पर जीवन सम्बन्धी सभी घटनाएं घटित होती हैं। सूर्य की उर्जा प्रति सेकेण्ड धरती पर 2,97,000 किलोमीटर की गति से विद्युत चुम्बकीय गति के द्वारा पृथ्वी की सतह पर आती है।
सूरज की रोशनी को पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने में 8 मिनट 30 सेकेण्ड का समय लगता है। सूर्य की उर्जा को पृथ्वी तक पहुँचने में 640 किलोमीटर मोटी वायुमंडल की पर्त को पार करना पड़ता है। जिसके कारण पृथ्वी तक आने वाली उर्जा का आधे से अधिक भाग रास्ते में हीं नष्ट हो जाता है। केवल कुल उर्जा का 46% तक हीं पृथ्वी तक पहुँच पाता है।
सूर्य से कितनी उर्जा हमारे पृथ्वी पर आती है। इसका अनुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा कुछ प्रयोग किया गया। इन प्रयोगों से ज्ञात हुआ कि हमारी पृथ्वी के प्रति वर्ग क्षेत्रफल पर प्रति मिनट 2 कैलोरी सूर्य की उर्जा या ऊष्मा आती है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरी पृथ्वी पर प्रति मिनट सूर्य से कितनी उर्जा आती होगी।
Aapke dwara Diya Gaya jankari ham logon ke liye bahut hi hi Kam ki thi aise hi jankari ham aapse hamesha puchte rahenge thank you
सूर्य का सतह का तापमान 4000℃और केंद्र का तापमान 6000℃होता है।
आज सूरज क्यों नहीं दिखाई दे रहा है धूप आकाश में से सूरज क्यों नहीं दिखाई दे रहा है
बिहार में सूरज आकाश में क्यों नहीं दिखाई दे रहा है
Hi. Suraj ko Dev nahi maan sakte aur na hi uski Pooja ki ja sakti hai Balki Jisne star,moon aur jitni bhi Galaxy ko banaya hai uski hi Pooja(Ibaadat )karte hai..