सरसों का तेल सरसों के बीज से निकाला जाता है। यह पूर्वी और उत्तरी भारत में ज्यादातर सब्जी, अचार बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तेल में बीटा कैरेतीं प्रोटीन, विटामिन, आयरन, फैटी एसिड, कैल्शियम एवं मैंग्निशियम आदि शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये शरीर के स्वास्थ के साथ हीं त्वचा और बालों की सुन्दरता के लिए बहुत लाभदायक होता है।
1. सरसों के तेल को नियमित रूप से बालों में लगाने से असमय हो रहे सफ़ेद बालों की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
2. सरसों के तेल से स्कैल्प की मालिश करने से सर में रक्त के संचार में वृद्धि होती है। जिससे बालों की जड़ मजबूत होती है। इसके नियमित प्रयोग से बालों का झाड़ना रुक जाता है तथा बाल काले और घने हो जाते हैं।
3. सरसों के तेल को बालों में लगाते रहने से स्कैल्प में फंगल संक्रमण (रुसी) एवं खुजली की समस्या से बचाव होता है।
4. सरसों के तेल एंटीफंगल गुण से युक्त होने के कारण त्वचा में होने वाले फंगल संक्रमण जैसे लाल पैचेस, बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली खुजली आदि समस्या होने पर प्रभावित स्थान पर लगाने से संक्रमण को बढ़ने से रोकने में सहायक होता है।
5. सर्दियों के मौसम में सरसों के तेल से शरीर की मालिश करते रहने से त्वचा मुलायम और चमकदार बनी रहती है।
6. सरसों के तेल को त्वचा पर लगाकर धूप में निकलने पर सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव त्वचा पर नहीं पड़ता है। ये प्राकृतिक सनस्क्रीन लोशन का काम करता है। जिसके कारण तेज धूप से त्वचा काली नहीं पड़ती है।
7. चेहरे की त्वचा पर सन टैनिग के कारण काले धब्बे पड़ गए हों तो बेसन, मलाई, नीम्बू का रस और सरसों के तेल के मिश्रण का लेप बनाकर प्रभावित स्थान पर हफ्ते में दो- तीन बार लगाते रहने से सन टैनिग दूर हो जाती है।
8. सरसों के तेल को रात में सोने से पूर्व नाभि पर लगाने से होंठ गुलाबी और मुलायम बनी रहती है। सर्द हवाओं के प्रभाव से बार -बार होंठों के सूखने की समस्या को दूर करने में सरसों का तेल का प्रयोग किसी भी प्रकार के लिप बाम से अधिक असरदार होता है।
9. सर्दी के मौसम में जुखाम के कारण नाक से सांस लेने में परेशानी होने पर नाक में दो -दो बूँद सरसों के तेल को डालने से नाक खुल जाती है और सांस लेना सुगम हो जाता है।
10. सरसों के तेल का प्रयोग व्यंजन बनाने में करने से भोजन आसानी से पच जाता है। जिससे पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है।
11. खाँसी होने पर सरसों के तेल में लहसुन को कूट कर गर्म करने के बाद गुनगुने तेल से छाती और पीट की मालिश करने से कफ बाहर निकल जाती है। जिससे खाँसी जल्दी ठीक हो जाती है। सरसों के तेल में कपूर मिलाकर गर्म कने के बाद गुनगुने तेल से छाती और पीठ की मालिश करने एवं गर्म पानी इस तेल की कुछ बुँदे डालकर भाप लेने से खांसी और जुखाम को दूर करने में औषधि का काम करता है।
12. सर्दी के मौसम में लगातार कफ और खाँसी के कारण फेफड़े में सूजन आ जाती है। जिसे ब्रोंकाइटिस रोग हो जाता है। इस रोग में सरसों के तेल से छाती की मालिश करने से फेफड़े की सूजन को कम करने में सहायक होता है।
13. डायबिटीज के रोगियों को सर्दी के मौसम में लम्बे समय तक कफ जमे रहने से निमोनिया रोग का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए नियमित रूप से सरसों के तेल की मालिश छाती और पीठ में करते रहने से निमोनिया रोग से बचाव होता है।
14. सरसों के तेल की तासीर गर्म होने के कारण अर्थराइटिस के रोगियों के लिए सर्दी के मौसम में जोड़ों के दर्द से बचने के लिए सरसों के तेल की मालिश करना लाभदायक होता है।
15. शरीर में सरसों का तेल लगा लेने से मच्छर नहीं काटते हैं। इस तेल की गंध से मच्छर दूर भागते हैं जिससे मलेरिया, डेंगू जैसी रोगों से शरीर की रक्षा होती है।
16. सरसों के तेल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण होता है। ये तेल शरीर के लिए औषधि का काम करता है। सर्दी के मौसम में नवजात शिशु के शरीर की मालिश सरसों के तेल से करने शिशु की सर्दी से बचाव होती है एवं माँसपेशियाँ मजबूत होती है।
17. सरसों के तेलमें ग्लूकोसिनोलेट नामक तत्व पाया जाता है जो शरीर में कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकता है। सरसों के तेल से बने भोजन का सेवन करने से पेट के कैंसर होने का खतरा कम रहता है।
18. सरसों के तेल को त्वचा पर लगाकर बाहर निकलने से त्वचा प्रदूषण से संक्रमित नहीं होती है। ये तेल गाढ़ा होने के साथ हीं विटामिन ई से पूर्ण होता है। जिसके कारण सूर्य की अल्ट्रावोइलेट किरणों एवं वातावरण में मौजूद अन्य प्रकार के प्रदूषण से शरीर की त्वचा सुरक्षित रहती है। जिससे स्किन कैंसर से भी बचाव होता है।
19. पाचन सम्बन्धी समस्या होने पर नियमित रूप से रात को सोने से पहले नाभि में सरसों का तेल लगाने से समस्या दूर हो जाती है।
20. ज्यादा देर तथा लगातार कंप्यूटर पर काम करने के कारण आँखों में जलन एवं सूखापन की समस्या हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए रात को सोने से पूर्व नियमित रूप से सरसों के तेल की दो से तीन बूँद लगाने से समस्या दूर हो जाती है।
21. सरसों के तेल की मालिश रात को सोने से पूर्व तलवे पर करने से आँखों की रोशनी तेज होती है तथा नींद अच्छी आती है। जिससे अनिद्रा और तनाव की समस्या दूर हो जाती है।
22. सरसों के तेल में नमक मिलाकर दांतों की मालिश करने से दांत के दर्द से राहत मिलने के साथ हीं दाँत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं एवं दाँतों का पीलापन दूर हो जाता है।
सरसों के तेल के दर्द निवारक, एंटीफंगल एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले गुणों के अतिरिक्त त्वचा एवं बालों की सुन्दरता में वृद्धि करने के गुण होने के कारण आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता हैं।
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