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रेशम कैसे बनता है?

रेशम आज दुनिया में बनने वाले सबसे मुलायम, चमकदार और आरामदायक वस्त्रों में से हैlआज इस मशीनी युग में जब कई प्रकार के कृत्रिम और अप्राकृतिक कपड़ों से बाज़ार भरा पड़ा है तब भी गुणवत्ता और श्रेष्ठता में रेशम के मुकाबले कोई नहीं ठहरताl पूरी तरह से प्राकृतिक यह कपड़ा सिल्क वर्म यानी कि रेशम के कीड़ों द्वारा तैयार किया जाता हैl

रेशम के कीट की उम्र केवल २ से ३ दिन की होती है और इसी दौरान मादा रेशम कीड़ा ३०० से ४०० अंडे देती हैlलगभग १० दिन के भीतर हर एक अंडा एक कीड़े को जन्म देता है जिसे लार्वे (larvae) के नाम से भी जाना जाता हैl

इसके बाद, तीन से आठ दिनों तक यह रेशम का कीड़ा अपने मुंह से एक तरल प्रोटीन का स्त्राव करता हैl वायु से संपर्क में आने पर यह तरल प्रोटीन कठोर होकर धागे का रूप ले लेता हैl इस प्रोटीन के फलस्वरूप कीड़े के चारों ओर एक गोला जैसा बन जाता है जिसे हम ककून के नाम से जानते हैंl रेशम का कीड़ा ककून का निर्माण अपने रहने के लिए करता है।

रेशम प्राप्त करने के लिए इस गोले को गर्म पानी में डाल दिया जाता हैl इससे रेशम का कीड़ा मर जाता है और उस गोले का उपयोग रेशम बनाने के लिए किया जाता हैl एक गोले रेशम से 500 से 1300 मीटर लंबा रेशम का धागा प्राप्त होता हैl

रेशम उत्पाद के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

व्यावसायिक उत्पादन के लिए ५ विभिन्न प्रजाति के रेशमकीट का पालन-पोषण किया जाता हैl इन रेशम कीटों को विभिन्न खाद्य पौधों पर पाला जाता हैl
भारत में शहतूत(मलबरी), ओक टसर, ट्रॉपिकल टसर, मूंगा और एरी- वाणिज्यिक महत्व की इन 5 रेशम की किस्मों का उत्पादन होता हैl इन सभी पांच ज्ञात व्यावसायिक किस्मों का उत्पादन करने वाला भारत इकलौता देश हैl
इन पाचों किस्मों में हमारे यहाँ सबसे अधिक शहतूत किस्म के रेशम का उत्पादन होता हैl शहतूत रेशम के उत्पाद के लिए बोम्बिक्स मोरी नामक (Bombyx Mori) रेशम कीट का पालन किया जाता हैl

रेशम बनाने की कला कैसे दुनिया ने जानी?

माना जाता है कि चीन के लोगों को रेशम बनाने की कला चार हज़ार साल पहले मालूम थीl कहते हैं कि चीन की रानी‘सी लिंग शी ’ने एक बार गलती से एक रेशम के कीट को पानी में डाल दियाl अगले दिन जब उसने पानी वाले बर्त्तन में से रेशम के धागे निकलते देखा तो रेशम के कीड़ों को पालना आरम्भ कर दियाl इन धागों के प्रयोग उसने कपड़े बुनने के लिए किया और यहीं से रेशम का प्रयोग बुनाई के लिए शुरू हुआl रेशम बुनाई का रहस्य कई दशकों तक चीन के लोगों तक सीमित रहाl बाद में जापान के राजा ने अपने जासूसों को भेजकर इस रहस्य पर से पर्दा उठायाl ये जासूस चीन से रेशम के कीड़ों को छुपाकर ले आएl जापान से यह कला धीरे-धीरे बाकी दुनिया में फैलीl

आज चीन और जापान समेत भारत, इटली, स्पेन, फ्रांस, आदि कई देशों में रेशम के कीड़ों से रेशम प्राप्त करने का व्यवसाय बड़े पैमाने पर होता हैl

विद्या सिंघानिया

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