यूं तो हिन्दी फिल्मों की ‘ट्रैजिडि क्वीन” मीना कुमारी ने कई फिल्में की हैं, पर अगर कोई एक फिल्म है जिसकी सर्वाधिक चर्चा होती है, तो वो है उनके पति कमाल अमरोही निर्देशित “पाकीज़ा”। 1972 में रीलीज़ हुई इस फिल्म का एक संवाद तो आपने भी सुना ही होगा – राजकुमार की आवाज़ में।
“आपके पाँव देखे। बहुत हसीन हैं। इन्हें जमीं पर न उतारिएगा – मैले हो जाएँगे।”
मीना कुमारी के हसीन पैरों का दीदार तो अब आपने कर लिया। तो चलिये फिर मुंह दिखाई भी कर ही लेते हैं…
और अब देखिये मीना कुमारी के जीवन के अलग-अलग अध्यायों से चुने कुछ खास चित्र:
➡ मीना कुमारी की दस यादगार फिल्में
➡ क्यों माना जाता है मीना कुमारी को हिंदी फिल्म के इतिहास में महानतम अदाकारा?
और आखिर में एक फोटो उनकी एक और यादगार फिल्म – साहिब, बीवी और ग़ुलाम से:
फिल्म “साहिब, बीवी और ग़ुलाम” में “छोटी बहू” के किरदार को निभाने वाली मीना कुमारी को सन 1963 के फिल्मफेयर श्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से नवाजा गया।
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