पेट में गैस बनाना बहुत ही सामान्य बात है। मगर जब यह असहनीय व शर्म का कारण बनने लगे तब यह समस्या आम नहीं रह जाती।
पेट में गैस का बनाना आम है। मगर जरूरी बात यह है कि पेट की गैस शरीर से बाहर निकले। यह गैस या तो डकार या फिर पादने से शरीर से बाहर निकलती है। जब गैस इन तरीकों से निष्काषित नहीं होती, तब परेशानी और पेट दर्द का कारण भी बन सकती है। इसलिए जब भी आपको डकार या गैस पास करने की जरूरत महसूस हो, उसे रोके नहीं।
कैसे दूर होगी गैस की परेशानी?
गैस की परेशानी को दूर करने से पूर्व यह जानना जरूरी है कि आपके शरीर में अत्यधिक गैस क्यों बन रही है। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में झांक कर देखना होगा कि ऐसा क्या कारण है जिसकी वजह से आपको यह समस्या हो रही है।
गैस बनने के कारण और सुझाव
खाने को अच्छे से चबाकर खाएं। अपनी दादी-नानी की बात को याद करें जो आपको बार-बार खाते समय मुंह बंद कर अच्छे से चबाचबाकर खाने के लिए टोकती हैं। मुंह बंद कर इसलिए क्योंकि यदि आप मुंह खोलकर खाना खाते हैं तो आप खाने के साथ-साथ बहुत सारी हवा भी पेट में भर लेते हैं। चबाचबाकर इसलिए क्योंकि हमारे खाने की पाचन की प्रक्रिया मुंह से ही शुरू होती है इसलिए अपने पेट के पाचन तंत्र को थोड़ा कम मेहनत कराएं और मुंह को थोड़ा सा ज्यादा।
खाने के बीच के अंतराल का बढ़ना या समय का आगे-पीछे होना भी अत्यधिक गैस बनने का कारण हो सकता है। इसलिए यदि आप और कुछ न कर अपने खाने का समय निर्धारित कर उस समय पर नियमित रूप से खाएं तो भी काफी हद तक आपकी गैस की परेशानी में आराम मिलेगा। खाने के समय की अनियमितता आपकी परेशानी को बढ़ा सकती है।
अदरक की चाय पीएं। यह गैस की परेशानी में बहुत ही लाभकारी साबित होगी। साथ ही पुदीने की चाय पीने से भी काफी मिलेगा।
अगर आप फलों के शैकीन हैं तो उन्हें साबुत खाएं। हम अक्सर गर्मी के मौसम में फलों को रस को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं जबकि यह फलों का जूस गैस की समस्या को जन्म दे सकता है। साथ ही फलों के जूस बनाने की प्रक्रिया में फलों की पौटिष्कता भी प्रभावित होती है।
हल्का और पौष्टिक भोजन का सेवन करें। ज्यादा मसालेदार, तला और पैकेटबंद भोजन का सेवन करने से बचें।
अजवायन को अपने भोजन में शामिल करें। चाहें तो आप अजवायन का पानी भी पी सकते हैं। मगर याद रखें – ज्यादा अजवायन का सेवन गर्मी के मौसम में न करें क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है। इसलिए इसका ज्यादा सेवन इस मौसम में आपके पेट में गर्मी कर सकता है।
सौंफ का सेवन करें। सौंफ को कड़ाही में भून कर इसे स्टोर कर भी रख सकते हैं। सौंफ खाने को पचाने में आपकी मदद करता है।
ठंडा दूध या लस्सी पीएं। याद रखें – दूध बिना चीनी का होना चाहिए। साथ ही दूध का सेवन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कहीं आप लैक्टॉस इंटॉलरेंस का शिकार तो नहीं। अगर ऐसा है तो आपको दूध और उससे बने पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
चुस्त बनें और व्यायाम करें। खाने के बाद थोड़ी दूर चलना भी आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। इसलिए रोज़ चलने की आदत बना लें।
अगर दादी-नानी के नुस्खों की बात करें तो पेट की नाभी में हींग लगाने से भी गैस की समस्या में आराम मिलता है। यह नुस्खा बच्चों पर बहुत ही कारगर साबित होता है मगर बड़े भी इसका प्रयोग कर सकते है।
हॉट वाटर बैग यानी गर्म पानी की थैली से सिकाई करें। इससे पेट दर्द के कारण थकी हुई पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
अगर जीवनशैली परिवर्तन और इन बदलावों के बाद भी आप गैस की समस्या से नहीं निपट पा रहें है तो गैस के लिए दवाई का सेवन करें। दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
क्या आप जानते हैं?
आजकल बच्चे या युवा भी गैस की परेशानी का शिकार हो रहें हैं। कारण बाहर का पैकेटबंद भोजन या फास्ट फूड का अधिक सेवन है। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि च्युइंग गम खाने से भी गैस होती है। जी हां, च्युइंग गम को जैसे ही आप अपने मुंह में कुछ चबाना शुरू करते हैं आपके पेट में रसायन प्रक्रिया शुरू हो जाती है जो पाचन प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। सरल भाषा में आपने च्युइंग गम चबाना शुरू किया और आपका पेट खाने का इंतजार करने लगा और जब खाना पेट में नहीं जाता है तो गैस या एसिडीटी होना सामान्य है।