पेक्टिन एक तरह के घुलनशील कार्बोहायड्रेटस होते हैं जो कि पौधों की कोशिका भीति (Cell Walls) और कोशिकाओं के मध्य पाए जाने वाले ऊतकों (Intercellular Tissues) में पाए जाते हैं।
फलों में पेक्टिन कोशिकाओं को एक दूसरे से जोड़े रखता है। अविकसित फलों में एक प्रोटो पेक्टिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो कि पेक्टिन में परिवर्तित हो जाता है और घुलनशील बन जाता है – जैसे-जैसे फलों के विकास की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान पेक्टिन फलों को उनका आकार बनाये रखने में मदद करता है। जब फल पूरी तरह से पक जाता है, तब पेक्टिन खंडित हो सिंपल शुगर्स (simple sugars) का रूप ले लेता है और पूरी तरह से घुलनशील बन जाता है। इसी के कारण ज्यादा पके हुए फल मुलायम होते हैं।
पेक्टिन की गाढ़ा सलूशन बनाने की खासियत के कारण इसे जैम, जेलीज़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल फार्मासिउटीकल्स और टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में भी किया जाता है। पेक्टिन की मात्रा दालों और साइट्रस फलों में ज्यादा होती है। सेब, संतरे और एप्रीकॉट में पेक्टिन काफी मात्रा में पाया जाता है। आमतौर पर ६०-७० प्रतिशत डाइटरी फाइबर पेक्टिन ही होता है जो साइट्रस फलों में पाया जाता है। इसके अलावा पेक्टिन केले, पत्तागोभी और गाजर में भी पाया जाता है।
१. पेक्टिन एक तरह का घुलनशील (Soluble) फाइबर होता है। पेक्टिन फैटी सब्सटेंसेस से जाके बाईनड होता है जो कि पाचन तंत्र में मौजूद होते हैं – चाहे वो कोलेस्ट्रोल हो या फिर टोक्सिंस हो और उन्हें शरीर से निष्काषित करने में मदद करता है।
२. जो एंजाइम स्टार्च और शुगर का खंडित करते हैं, उनकी क्रियाओं को धीमा करता है। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रण करने में काफी मदद मिलती है।
३. पेक्टिन का सेवन डायरिया में भी काफी मददगार साबित हो सकता है क्योंकि पेक्टिन एक तरह का फाइबर होता है जो पाचन तंत्र के लिए भी काफी अच्छा होता है।
४. मई २०१० में प्रकाशित एक जर्नल के अनुसार तो पेक्टिन प्रोस्ट्रेट कैंसर के उपचार में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
५. पेक्टिन का इस्तेमाल लेड, मेटल और स्ट्रोंशियम पोइसोनिंग (Strontium Toxicity) में भी किया जाता है।
६. इसके अलावा पेक्टिन का इस्तेमाल मुंह के छालों (Mouth Ulcers) में भी किया जाता है।
इतने फायदों के बाद भी पेक्टिन को लेते समय कई सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि कई मामलों में इसके दुष्प्रभाव / साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे – पेक्टिन की श्वाश लेने (Inhaling Pectin) से अस्थमा हो सकता है और गैस या डायरिया की समस्या भी हो सकती है।
Maruti Nandan Tiwari
Mai bhut accha fillings krta hu
Mere dublr patle body sirf 5din me ubharna suru ho gaya
So thanks
Practin