पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना की दवा बनाने का दावा पेश किया है। संस्था द्वारा मंगलवार की दोपहर को हरिद्वार में “पतंजलि कोरोना किट” को लॉंच किया गया। इस किट की कीमत ₹545 बताई गयी है।
इसी महीने की शुरुवात में ही पतंजलि के एम.डी आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना की दवाई बनाने की बात कहीं थी। जिसके उपयोग करने से 3 से 14 दिन के अंदर कोरोना को खत्म करने की बात बताई गयी।
“यह एक प्रतिरक्षा बूस्टर नहीं, बल्कि कोरोना का एक इलाज है”, यह कहते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को इस किट का अनावरण किया। और इसे कोरोना वायरस के खिलाफ पहली आयुर्वेदिक औषधि बताया है।
“कोरोनिल और श्र्वसारी” को लॉंच करते हुए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कहा हैं कि इस दवा ने प्रभावित रोगियों पर चिकित्सक परीक्षण में 100 प्रतिशत अनुकूल परिणाम दिखाएँ हैं।
“पूरी दुनिया और देश कोरोना की दवाई या वेक्सिन बनने का इंतजार कर रही थी। हमें यह घोषणा करते हुए अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है कि पतंजलि रिसर्च सेंटर और एन.आई.एम.एस के संयुक्त प्रयासों से पहली आयुर्वेदिक, चिकित्सक रूप से नियंत्रित परीक्षण आधारित साक्ष्य और शोध आधारित यह किट तैयार की गयी है। और इस दवाई ने 3 से 7 दिनों के भीतर 100 प्रतिशत रिकवरी दर दिखाई है।” रामदेव बाबा ने हरीद्वार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा।
पतंजलि आयुर्वेद के अनुसार इस औषधि के दो परीक्षणों का आयोजन किया गया था। पहला अध्ययन जो दिल्ली, अहमदाबाद और कई अन्य शहरों में हुआ। इसके तहत 208 मरीजों को शामिल किया गया और 100 प्रतिशत मरीज ठीक भी हुए हैं।
कोरोनिल कैसे करेगी कोरोना का खात्मा?
अश्वगंधा, गिलोय, श्र्वसारी रस, तुलसी और अनु तेल के मिश्रण से इसे तैयार किया गया है। रामदेव बाबा का कहना है कि श्र्वसारी वटी हमारे रेस्पिरेटरि सिस्टम को ठीक करने में सहायक है। श्र्वसारी रस कफ में बलगम को बनने से रोकता है। और पहले से बने हुए बलगम को खत्म कर यह फेफड़ों में हुई सूजन को कम कर देता है। वहीं अश्वगंधा कोरोना के आर.बी.डी (रेस्पिरेटरि बाइंडिंग डोमेन) को बॉडी के ए.सी.ई (एंजियोटेसीन कन्वर्टिंग एंजाइम) में मिलने से रोक देता है। जिससे कोरोना, शरीर की दूसरी स्वास्थ्य कोशिकाओं में मिल नहीं पाता। गिलोय सीधा कोरोना संक्रामण पर हमला करता है और तुलसी, वायरस के आर.एन.ए पर हमला बोल कर उसे बढ्ने से रोक देती है।
क्या-क्या है कोरोनिल किट में?
कोरोनिल किट में तीन प्रकार की दवाएं हैं। जिसमें से दो गोली (टैब्लेट) के रूप में (कोरोनिल और श्र्वसारी वटी) और 1 तरल (लिक्विड) (अनु तेल) के रूप में है।
कोरोनिल को किस प्रकार लेना है?
अनु तेल के 3-4 बूंदों को नाक में डालना है। श्र्वसारी वटी और कोरोनिल की एक-एक गोली को दिन में दो बार लेना है। 6 से 14 उम्र के बच्चों के लिए यह खुराक आधी होगी।
क्या इसके कोई दुष्प्रभाव हैं?
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के अनुसार इस औषधि के इस्तेमाल से 100 प्रतिशत रोगियों को ठीक किया गया है। साथ ही इसमें डैथ रेट भी जीरो है। इसका मतलब यह है कि इससे किसी को जान जाने का खतरा नहीं है। रामदेव बाबा का कहना है कि लोग इस पर भले ही प्रश्न करें लेकिन हमने इसे पूरी तरह शोध करने के बाद ही बनाया है और बनाते वक़्त सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन भी किया है।
इस किट की कीमत कितनी है?
इस किट की कीमत ₹545 है और यह किट 30 दिन के इस्तेमाल के लिए बनाई गयी है।
पतंजलि कोरोनिल किन लोगों पर काम नहीं करेगी
- गंभीर रूप से रोगग्रस्त रोगी (sao2 <90%)
- जिनमें तीव्र श्वसनतंत्र संबन्धित कठिनाई रोग है।
- जिनमें अन्य सह-रुग्ण परिस्थितियों (कोई अन्य रोग) द्वारा आयु-संभाविता एक वर्ष से कम है।
- पतंजलि कोरोनिल किन लोगों पर काम करेगी
- जिन लोगों की आरटी-पीसीआर द्वारा मामलों की पुष्टि हुई हो।
पतंजलि कोरोनिल किट मिलने का स्थान
यह किट अभी आम दुकानों पर उपलब्ध नहीं होगी। यह एक हफ्ते के अंदर पतंजलि स्टोर पर उपलब्ध होगी। और अगले सोमवार तक पतंजलि इसकी होम डेलीवरी के लिए एक मोबाइल एप भी लॉंच करने जा रही है। जिसकी मदद से इस दवा को घर बैठे भी मंगवाया जा सकता है।
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