भारतीय घरों में नीम का पेड़ को भाग्यशाली समझा जाता है। ऐसा समझने के पीछे एक खास वजह है – नीम के पेड़ का हर हिस्सा किसी न किसी औषधीय गुण से भरपूर है।
नीम का पेड़ अपनी खुशबू से न केवल अपने आसपास का प्रदूषण साफ करके हवा को स्वच्छ और साफ बनाता है बल्कि अपनी पत्तियों से हवा को ठंडा और शीतल भी करता है। नीम के पत्ते, छाल, टहनी, जड़, फूल, फल और यहाँ तक पत्तों का रस तक आदमी के काम आता है। ईंधन से लेकर दवाई तक के कामों में नीम और उसके परिवार का हर सदस्य भागीदार होता है। इसी कारण से आयुर्वेद में नीम को अमृत का दर्जा दिया है। भारत में तो नीम को लेकर एक कहावत भी प्रचलित है कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं, वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। चरक संहिता और सुषुरत संहिता में तो नीम को गाँवों का दवाखाना तक कहा गया है।
नीम के औषधीय गुण
नीम के औषधीय गुण देखते हुए विदेशों में इसे चमत्कारिक पेड़ भी कहा जाता है। नीम अपने स्वभाव के कारण कड़वा जरूर होता है लेकिन अपने औषधीय गुणों के कारण इसकी तुलना सौ हकीम के बराबर की जाती है। इसके स्वास्थ्यवर्धक तत्वों में मार्गोसिं, निम्बिडीन, निम्बेस्टेरोल आदि प्रमुख हैं। इसका प्रयोग हर्बल ओरगेनिक पेस्टिसाइड साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, डाइबिटिक नाशक चूरन, कोस्मेटिक आदि के निर्माण में किया जाता है। नीम की छाल का प्रयोग करने से दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया नहीं होते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मजबूत रहते हैं। नीम के पत्तों का रस एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीवर्म, एंटीएलर्जिक, एंटीट्यूमर आदि गुणों से भरपूर है।
नीम के लाभ
नीम के पत्ते, पत्तों का रस, पत्तों से बना तेल, नीम के पत्तों का पाउडर, नीम की टहनी, नीम के फूल आदि बहुत सारे रोगों के इलाज में काम आते हैं। गरज यह की नीम का प्रयोग शरीर की आंतरिक और बाहरी सुंदरता को बढ़ाने और बनाए रखने में सहायक होता है। आइये देखें, नीम के प्रयोग के क्या लाभ हैं:
- नीम के पत्तों के सेवन से ब्लड वैसल्स चौड़ी हो जाती है जिससे ब्लड सर्क्युलेशन में आसानी होती है और ब्लोक्केज का खतरा खत्म हो जाता है। इसके अलावा दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित और नियमित हो जाते है।
- इन पत्तों को रोज खाने से ने केवल ब्लड के टौक्सिन्स खत्म होते हैं और ब्लड शुद्ध होता है बल्कि साथ में ब्लड शुगर का लेबल भी कम होता है। टौक्सिन्स के शरीर से बाहर निकल जाने पर शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
- एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण नीम के प्रयोग से शरीर में फंगल इन्फेक्शन संबंधी परेशानी जैसे दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फूंसी आदि नहीं पनपते हैं। नीम के पत्तियों का पाउडर इन बीमारियों पर लगाने से तुरंत आराम आता है।
- नीम के पत्तों को पानी में उबालकर नहाने से बालों का डैनड्र्फ़ खतम हो जाता है।
- मलेरिया के बुखार में भी नीम की पत्तियों का सेवन आराम देता है।
- मच्छरों को घर से भगाने में भी नीम की पत्तियों का पाउडर काम आता है।
- कैंसर जैसी बीमारी भी नीम के सेवन से ठीक हो जाती है। इन पत्तियों में पॉली सैकेरॉइड्स और लियोम्नॉइड्स होते हैं जो शरीर के भीतर कैंसर और ट्यूमर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं।
- नीम के दर्द निवारक गुण जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन में आराम देते हैं।
- नीम के रस के नियमित सेवन से शरीर में यूरिक ऐसिड नहीं जमा होता है और शरीर के जोड़ों में चिकनाहट बनी रहती है।
- नीम की टहनी जिसे दातुन भी कहा जाता है, बहुत समय पहले से दांतों को साफ करने के लिए इस्तेमाल की जाती रही है। इससे न केवल दाँत चमकते रहते हैं और किटाणु मुक्त रहते हैं। इससे मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं और खून आने और पाईरिया जैसे परेशानी से भी दूर रहते हैं।
- नीम पेट के रोग के उपचार में राम बाण है। पेट के कीड़ों को खतम करने के लिए नीम के पत्तों के रस में शहद और काली मिर्च मिलाकर सेवन अच्छा रहता है। नीम के फूलों को मसलकर गर्म पानी में डालकर छानकर पीने से कब्ज दूर होती है। नीम की पत्तियों को सुखाकर शक्कर मिलाकर खाने से दस्त में आराम मिलता है।
- नीम के पत्तों के रस का नियमित सेवन शरीर के मेटाबोलिज़्म को बढ़ा देता है जिससे फालतू फैट जमा नहीं होती और वजन नहीं बढ़ता है।
- प्रेगनैन्सी में नीम का रस बहुत फायदा करता है। नीम के पत्ते के रस को पीने से योनि के दर्द में कमी आती है जिससे प्रसव के समय आसानी होती है। अगर नीम के रस की मालिश करी जाए तो उससे प्रसव दर्द में कमी आती है। प्रसवोपरांत इस रस के पीने से यूटरस की सूजन उतर जाती है और पेट संबंधी परेशानी जैसे भूख न लगना, दस्त में परेशानी और ज्वर होना आदि का हल हो जाता है।
- नीम के रस की दो बुँदे आँखों में डालने से एक तो आँखों की रोशनी बढ़ जाती है और अगर कंजक्टीवाइटस हो तो वो भी ठीक हो जाता है।
- नीम के तेल की मालिश से स्किन संबंधी समस्याएँ जैसे मुँहासे, फोड़े, फूंसी आदि दूर हो जाते हैं।
- नीम के फल और उसके बीजों से बनाए गए तेल की मालिश शरीर को नयी स्फूर्ति और एनर्जी मिलती है।
- चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने के लिए नीम के पत्तों का लेप फायदा करता है। इससे चेहरा कोमल होता है और मुंहासों से मुक्ति मिलती है।
- बालों का झड़ना रोकने के लिए नीम के पत्तों को बेर के पत्तों के साथ उबाल कर सिर धोया जाए तो बाल काले और मजबूत भी होते हैं।
- शरीर की जलन और बहुत ज्यादा पसीना आने की शिकायत रोकने के लिए नीम के तेल की 10-15 बूंदों को दूध में डालकर पीने की सलाह दी जाती है।
- नीम के बीज का चूरन बवासीर का अच्छा इलाज है। इस चूरन को खाली पेट, गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
- नीम की निंबोली का चूरन रात को गुनगुने पानी के साथ लेने पर कब्ज का शर्तिया इलाज है।
- नीम के पाँच अंग यानि फूल, फल, पट्टियाँ, छाल, जड़ का चूरन पानी में पीने से गर्मी में होने वाली ज़्यादातर परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।
- बिच्छू जैसे जहरीले जानवर के काटने पर नीम के पत्ते का पाउडर लगाया जाए तो जहर का असर धीमा होकर खत्म हो जाता है।
नीम को अपने डाइट में शामिल कर लें और हमेशा निरोगी काया रखने के लिए नीम की पत्तियों को सुबह खाली पेट खाया करें।