धर्म और संस्कृति

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? कब है नाग पंचमी 2020?

प्रति वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। यह त्यौहार अक्सर हरियाली तीज के दूसरे दिन होता है। यह त्यौहार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। वैसे तो साँप को एक खतरनाक जीव समझा जाता है और लोग उनसे भयभीत होकर उनके पास जाने से भी डरते हैं, लेकिन नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता की पूजा कर उन्हें दूध अर्पण कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन जमीन खोदने की मनाही की जाती है और इसलिए इस दिन खेतों में कोई कार्य नहीं किया जाता। इस दिन खुदाई के कारण अगर किसी सर्प को नुकसान हुआ तो वह बहुत बड़ा पाप समझा जाता है, इसलिए इस दिन कोई भी भूमि खोदने का कार्य नहीं करता है।

क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी?

भारत में नदी, पत्थर, पहाड़, पेड़-पौधों, ग्रह-नक्षत्रों से लेकर सभी जीव-जंतुओं को उनके विशेष गुणों के कारण पूजने की परंपरा बरसों से चली आ रही है। साँप एक विषैला जीव है लेकिन यह बिना किसी कारण के किसी को भी नुकसान नहीं देता है।

भारत में साँप को पूजने के पीछे तर्क संगत यह कारण है कि साँप ऐसे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े और चूहों को नष्ट कर देते हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। साँप खेतों की रक्षा करते हैं और भारत में कृषि हमेशा से जीविका का एक मुख्य स्रोत रहा है। कृषि प्रधान देश होने के कारण खेतो की रक्षा करने वाले साँप पूजनीय माने गए है।

इसके अलावा कई प्राचीन काल से जुड़ी कथाएं भी हैं जो नाग और नागपंचमी के महत्व को बताती हैं। ऐसी मान्यता भी है कि नागपंचमी के दिन सर्प की पूजा करने पर आध्यात्मिक शक्ति और धन की प्राप्ति होती है। लेकिन यह बेहद जरूरी होता है कि नागपंचमी के दिन पूजा सही तरीके से ही की जाए।

नागपंचमी की पूजा सुबह-सुबह की जाती है और पूजा से पहले यह जरूरी है कि व्यक्ति नित्यकर्म खत्म कर, अच्छी तरह स्नान करके स्वच्छ कपड़े धारण कर ले। पूजा के लिए सेवई या चावल की खीर बनाई जाती है। दीवाल पर गेरू पोतकर पूजा के लिए जगह बनाई जाती है। कच्चे दूध में कोयला घिसकर उस कोयले से सर्पों की आकृति बनाई जाती है।

अगर किसी सँपेरे के पास या आसपास कहीं भी सांप हों तो सबसे पहले साँपों की बांबी में एक कटोरा दूध नागों को अर्पित किया जाता है। इसके बाद दीवाल पर बनाये हुए सर्प की आकृति को दही, दूर्वा, गंध, अक्षत, कुशा, फूल, जल, रोली, चावल इत्यादि अर्पित करके और पूजन करके सेवई/चावल की खीर और अन्य मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। इसके बाद कथा और आरती संपन्न करते हैं। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। कई क्षेत्रों में नागपंचमी के दिन पिछले दिन का बनाया हुआ बासी भोजन ग्रहण करने की भी प्रथा है।

2020 में कब है नाग पंचमी?

इस वर्ष 2020 में 25 जुलाई शनिवार को मनाई जाएगी। पूजा का मुहूर्त सुबह 05:54 AM से 08:34AM तक रहेगा। 2 घंटे 40 मिनट तक आप सर्प की पूजा कर सकते हैं। पंचमी तिथि की शुरुआत 24 जुलाई 02:34PM से होगी और अंत 25 जुलाई 12:02PM को होगा।

नाग पंचमी पूजन मंत्र

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचीत पृथ्वीतले।

ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिताः॥

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतीगामिनः।

ये च वापीतड़गेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥  

स्वाति जायसवाल

Recent Posts

चेहरे पर होने वाले छोटे-छोटे पिंपल्स को ठीक करने के घरेलू उपाय

खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…

2 वर्ष ago

मेथी से बनी हुई नाइट एंटी-एजिंग क्रीम – क्रीम एक, फायदे अनेक

मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…

2 वर्ष ago

कुणाल कपूर के अंदाज में बनी लजीज रेसिपी नवरत्न पुलाव रेसिपी

यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…

2 वर्ष ago

सर्दियों के लिए ख़ास चुने हुए डार्क कलर सूट के लेटेस्ट डिज़ाइन

वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…

2 वर्ष ago

सर्दियों में डैंड्रफ की समस्या से बचने के असरदार टिप्स

डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…

2 वर्ष ago

इंस्टेंट ग्लो के लिए टॉप 3 होममेड चावल फेस पैक

हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…

2 वर्ष ago