विवाह के बाद एक युवती अनेक नए रिश्तों की डोर से बंध जाती है, जिसमें ननद का रिश्ता एक अहम रिश्ता होता है। आमतौर पर सिनेमा और टीवी सीरियल्स में ननद की भूमिका नेगेटिव दिखाई जाती है। सिनेमा जगत की ख्याति प्राप्त खलनायिका ललिता पवार द्वारा अभिनीत ननद की भूमिका से सभी परिचित हैं, लेकिन वास्तविक जिंदगी में यह सच नहीं।
ननद आपके हृदय के सबसे करीबी, आपके पति की बहन होने के नाते आपकी और आपके पति की सबसे बड़ी शुभचिंतक होती है। घर में भाभी के आने से वह जितनी खुश होती है, शायद ही कोई और होता हो।
आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी ननद के साथ अपने रिश्ते में अपूर्व मिठास घोल सकती हैं।
जब भी आप अपनी ननद से मिलें, उसे एक महत्वपूर्ण पारिवारिक सदस्य का मान देने से पीछे न हटें। आपका यह रवैया उनसे दोस्ती की राह खोलेगा और आपके रिश्ते को किसी भी कठिनाई से दूर रखेगा।
जब भी ननद से आपका मिलना हो, सहज भाव से मिलें। उससे सहेली की मानिंद ढेर सारी बातें करें।
उससे उसकी पढ़ाई, जॉब, परिवार, सहेलियों, हॉबीज के बारे में चर्चा करें। किसी समान हॉबी मसलन कुकिंग, फोटोग्राफी, लेखन, बेकिंग, होम डेकोरेशन आदि पर विचारों का आदान प्रदान करें। अपने पसंदीदा टीवी कार्यक्रम के बारे में बात करें। कुछ अपनी बताएं, कुछ उसकी सुनें। इससे आपकी बॉन्डिंग मजबूत होगी ।
मात्र उसके साथ कभी-कभी क्वालिटी टाइम बिताएं । ऐसी गतिविधि एक साथ करें जिसे करना आप दोनों को ही पसंद हो। आप दोनों साथ साथ शॉपिंग कर सकती हैं, कुकिंग या बेकिंग कर सकती हैं, फोटोग्राफ़ी कर सकती हैं। यदि लेखन में रुचि हो तो एक दूसरे की लिखी हुई रचनाओं पर चर्चा कर सकती हैं। आप उसके साथ सिनेमा या रेस्टोरेंट जाने का प्रोग्राम बना सकती हैं। साथ साथ समय बिताना उसे आपके करीब लाएगा।
ननद भाभी की लक्ष्मण रेखा से बाहर निकल मित्र भाव से उससे सहेली की मानिंद रिश्ता जोड़ने का प्रयास करें। यदि उसे कोई परेशानी है तो उसे धैर्य से सुनें और उसे उसका हल दें। उसे यह अहसास कराएं कि उसे जब भी आपकी सलाह या मदद की जरूरत होगी, आप उसके लिए बेशर्त उपलब्ध होंगी।
विवाह के बाद ससुराल में यदि ऐडजस्ट होने में आपको दिक्कत आए तो उससे सलाह मांगने में ना हिचकें। विशेषतया घर परिवार, सासू मां, ससुर जी, देवर, जेठ, जेठानी के साथ कोई समस्या हो तो ननद से उसका हल मांगने में बिल्कुल संकोच न करें। ससुराल में पली-बढ़ी ननद आपको वहां एडजस्ट करने में बेहतरीन सलाह दे सकती है।
यदि कभी उसे आपकी सहायता की जरूरत पड़े तो उसमें कोताही न करें। उसे आवश्यकता होने पर आप कुछ घंटों के लिए अपने घर पर उसके बच्चों की देखभाल कर सकती हैं या फिर उसके शहर से बाहर जाने पर उसके पति और बच्चों को अपने घर खाना खिला सकती हैं। इससे वह आपका आभार मानेगी, और आप उसका विश्वास जीतने में सफल होंगी ।
कभी-कभी आप की ननद को मुश्किल हालातों में आपकी सलाह और गाइडेंस की आवश्यकता पड़ सकती है। इस स्थिति में उसे सही परामर्श देना आप का नैतिक कर्तव्य बन जाता है। उसे अपनी समस्या से उबरने का सही रास्ता बता कर आप जिंदगी भर के लिए उसकी फ्रेंड, फिलॉसफ़र और गाइड बन सकती हैं।
यदि कभी वह स्नेहवश आपके लिए कुछ अच्छा करती है तो उसे सराहने में कोताही न करें। वह आपको कोई उपहार देती है तो मन से उसका शुक्रिया अदा करें। आपका यह रवैया आप दोनों के रिश्ते में पॉजिटिविटी लाएगा ।
आप अपनी ननद को अपनी सहेलियों की मंडली में शामिल कर सकती हैं। जब भी आप अपनी सहेलियों को घर पर बुलाती हैं या उनके साथ पिकनिक या सिनेमा जाती हैं, ननद को भी इसमें शामिल करें। यह आप दोनों की बॉन्डिंग को निस्संदेह मजबूत करेगा।
उसके जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ या उसके बच्चों के जन्मदिन पर उसे शुभकामना एवं बधाई देना ना भूलें। विशेष दिनों पर आपका उसे याद करना उसके मन में अपनी खास जगह बनाएगा।
कई बार आपकी अविवाहित ननद को आपकी कोई साड़ी, ड्रेस, बैग, घड़ी, जूते या चप्पल, सनग्लास पसंद आ जाते हैं। ऐसा होने पर उसे उससे बेहिचक शेयर करने में संकोच न करें। याद रखें, शेयर करना केयर करने के बराबर होता है।
कहीं घूमने जाने पर या उसके खास दिनों जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ पर उसे उसका पसंदीदा उपहार अवश्य दें। यह आपके संबंधों में गर्माहट लाएगा।
आप की ननद यदि दूसरे शहर में रहती है, तो भी आप उससे नियमित रूप से फ़ोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क बनाए रखें। यह आपके संबंधों को मजबूत करेगा।
मात्र वास्तविक जीवन में ही नहीं, वरन आभासी दुनिया में भी एक दूसरे के करीब रहें। फेसबुक पर उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजें। इंस्टाग्राम और टि्वटर पर उसे फॉलो करें। उसके फोटो और स्टेटस पर अच्छे कमेंट करें। यह उसे आपके स्नेह का भान कराएगा।
उसके साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ी रहिए। उनसे समय-समय पर विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर पति और अपने बच्चों के फोटो और जानकारी शेयर करें। यह रवैया उसे निस्संदेह अनमोल खुशी देगा।
यह भविष्य में आप के मधुर संबंधों की आधारशिला रखेगा। यदि आप अपनी शादी के लिए सजावट, निमंत्रण कार्ड, गहने, साड़ी का निर्णय करते वक्त उसकी राय भी लेंगी तो उसे बहुत अच्छा लगेगा। याद रखें आपकी शादी उसके भाई की शादी भी है।
किसी भी मुद्दे पर टकराव की स्थिति आने पर उसे अवॉइड करें। उससे बहस और संघर्ष टालें। संघर्ष के मुद्दों को बेवजह तूल न दें, वरन अपनी समझदारी का प्रदर्शन करते हुए उसकी सहमति से विवादास्पद मसले को हल करने का प्रयत्न करें। हमेशा अपना पॉइंट सही साबित करने का प्रयास न करें। रिश्ते निभाने का आपका यह कूल अंदाज उसे भी यही रवैया अपनाने के लिए प्रेरित करेगा ।
अगर आप वाकई में अपनी ननद के साथ मधुर रिश्ता रखना चाहती हैं, तो उसकी गलतियों को तूल न देते हुए उन्हें नजरअंदाज कर अपना बड़प्पन दिखाएं। यदि वह कोई ज़्यादती भी करती है तो उसे भूल जाएं और उसकी तरफ से अपना मन साफ रखें। याद रखें, उसके प्रति पाली खुन्नस आप दोनों के मध्य दीवार का काम ही करेगी, उससे अधिक कुछ नहीं।
साथ साथ रहने से कभी-कभी रिश्तो में विवाद उठ खड़ा होता है। उसका निपटारा करने के लिए उसे अपने नज़रिए से परिचित कराएं। उसका दृष्टिकोण जानने का प्रयास करें। परस्पर बातचीत निश्चित ही आप दोनों के मध्य संघर्ष की स्थिति का सफल निपटारा करेगी।
हर रिश्ते में सीमा रेखा होनी चाहिए। यदि आप की ननद आपके और आपके पति के मध्य आते हुए उनके साथ आपके रिश्ते को खराब करने का प्रयास करती है, साफ़ शब्दों में उसे इसके लिए मना कर दें कि आपको अपने रिश्ते में यह दखलअंदाजी कतई बर्दाश्त नहीं है।
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बहुत ही सुंदर और बढ़िया और बिल्कुल सही कहा 👏👏🌹🌹