वर्तमान समय में युवाओं में धातु रोग की समस्या आम हो गई है। इस लेख में हम आपको धातु रोग का आयुर्वेदिक इलाज और आयुर्वेदिक दवाइयों की जानकारी देंगे।
कारण और लक्षण धातु रोग के अनेक कारण हो सकते हैं। इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है और चक्कर भी आते हैं। यह रोग अक्सर गलत आदतों और मन के अशांत होने से होती है। इसमें कई बार स्त्री के बारे में सोचने भर से धातु बाहर आने लगता है। यह रोगी की सेक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है।
1. बबूल के फलों के बीजों को निकालकर उसे सुखा लें। अब उसके साथ तमलखाना मिश्री और बीजबंद को मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करने से धातु रोग में लाभ मिलता है।
2. गिलोय के रस को निकालकर या उसके रस को लेकर आएं। इस रस में शहद मिलाकर उसका सेवन करें। इससे भी धातुरोग में लाभ होता है।
3. आंवले के रस का सेवन रोज सुबह खाली पेट करने से या इसके चूर्ण का सेवन सुबह-शाम करने से धातु रोग से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही इससे वीर्य में गाढ़ापन भी आता है।
4. तुलसी के बीजों को पीसकर उसमें मिश्री मिला लें। अब सुबह खाने के बाद इसका सेवन करने से धातुरोग में लाभ होता है।
5. जामुन की गुठलियों को पीसकर उसे सुखा लें। इस चुर्ण को दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से यह बहुत ही जल्द लाभ पहुंचाता है।
6. उड़द की दाल को खांड में मिलाकर भूंज लें। अब इसका सेवन करना धातुरोग में बेहद लाभकारी सिद्ध होता है।
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Tulsi ke beez mishri milakar kis cheez ke sath lena hai krapya batane ka kasht kare.