हमारी जिंदगी में एक न एक दिन ऐसा आता है, जब हम बैठना सीखते हैं। शायद दुनिया मेंं सभी बच्चे पहली बार जमीन पर ही बैठते हैं लेकिन धीरे-धीरे बड़े होने पर हम जमीन की बजाय कुर्सी पर बैठना शुरू कर देते हैं और यहीं से शुरू होती है हमारी सेहत को नुकसान पहुंचने की तैयारी।
कुर्सी पर बैठने की इस प्रक्रिया में हम अपनी बहुत सारी मांसपेशियों का इस्तेमाल ही नहीं करते और आखिरकार एक दिन ऐसा होता है कि हमें जमीन पर बैठने-उठने में तकलीफ होने लगती है। अगर आप भी जमीन पर बैठने की बजाय कुर्सी पर बैठते हैं तो एक बार जमीन पर बैठने के फायदों के बारे में जान लीजिए, यकीनन आप कुर्सी पर बैठना हमेशा के लिए छोड़ देंगे।
जमीन पर बैठने पर भले ही रीढ़ की हड्डी पर जोड़ पड़ता हो लेकिन इससे शरीर की मुद्रा अपने आप सुधर जाती है। जमीन पर बैठने की प्रक्रिया में रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और कंधे पीछे की ओर खिंचते हैं, जिससे आस-पास की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। एक बार जमीन पर बैठने की आदत बढऩे के साथ मुद्रा सुधरती जाती है।
रीढ़ और कंधे की मांसपेशियों के साथ ही जमीन पर बैठने से भीतरी मांसमेशियां भी मजबूत होती हैं, जिससे पीठ में दर्द की शिकायत भी दूर होने लगती है। वहीं जमीन पर आलती-पालती मार कर बैठने से कूल्हे की मांसपेशियों भी मजबूत होती हैं, जो कुर्सी पर बैठने के चलने निष्क्रिय हो जाती हैं।
जमीन पर बैठने से कूल्हे, पैर, पेल्विस और रीढ़ की हड्डी खिंचती है, जिससे शरीर में प्राकृतिक रूप से लचीलापन बढ़ता है। दरअसल कुर्सी पर बैठने से मसल फाइबर्स कमजोर होकर टूटने लगते हैं, जिससे पैर कमजोर हो जाते हैं। लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने से घुटने के पीछे की नस(हेमस्ट्रिंग)कठोर हो जाती है, जो भी धीरे-धीरे दर्द का कारण बनती जाती है। वहीं जमीन पर बैठने से आपको पैरों की मांसपेशियों का इस्तेमाल करना ही पड़ता है, जिससे लचीलापन बना रहता है।
हमारे देश के साथ ही एशिया के अधिकतर देशों में जमीन पर बैठ कर खाना खाने की परंपरा है। शायद इसके पीछे यही वैज्ञानिक कारण रहा है कि इससे खाना जल्दी पचता है। जब हम प्लेट को जमीन पर रख कर खाना खाते हैं तो गस्सा मुंह में ले जाने के लिए आगे की ओर झुकते हैं और उसे निगलने के लिए फिर से पीछे की ओर जाते हैं। आगे-पीछे होने की इस प्रक्रिया में पेट की मांसपेशियों को काम पर लगना पड़ता है, जिससे पाचक रसों का ाव पेट के अंदर बढ़ जाता है।
क्या आप लंबा जीना चाहते हैं तो सबसे पहले कुर्सी पर बैठना छोड़ दें। वर्ष 2012 में यूरोपियन जरनल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपे एक शोध के मुताबिक लंबी उम्र का राज बिना हाथों का इस्तेमाल किए जमीन से उठने में छिपा है। जो लोग ऐसा कर पाते हैं, वे लंबा जीते हैं। इसलिए आप भी हर रोज ऐसा करने का अभ्यास करें।
अगर आप जमीन पर बैठते हैं तो एक तरह से योग ही कर रहे होते हैं और योग के फायदे किसी से छिपे हुए नहीं हैं। पैरों को क्रॉस करके आलती-पालती मार के बैठना असल में सुखासन होता है। जब हम सुखासन में बैठते हैं तो मन को शांति मिलती है। इसका एक फायदा यह भी है कि इस आसन में बैठकर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर रिलेक्स होता है और हम अच्छी तरह से खाना खा पाते हैं।
वजन कम करने के लिए हमें कोई न कोई शारीरिक व्यायाम के लिए कहा जाता है, वहीं जमीन पर बैठना-उठना भी एक तरह का शारीरिक व्यायाम ही है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है।
पैर क्रॉस करके बैठने से शरीर में खून का दौरा बढ़ता है, जिससे नव्र्स रिलेक्स होती हैं और उन पर दबाव पड़ता है। खून का दौरा बढऩे से पाचन की प्रक्रिया भी तेज होती है। खून का दौरा बढऩे से दिल तेजी से काम करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है और कैलोरी भी जल्दी खर्च होती है।
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