छाती में दर्द होना किसी गंभीर बीमारी की वजह हो सकती है। किन्तु छाती के दर्द का मतलब हार्ट अटैक का दर्द ही हो, ये जरुरी नहीं है। कई बार साधारण माँसपेशियों (मसल्स) का दर्द भी हो सकता है। लेकिन छाती के दर्द को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
क्योंकि छाती के दर्द का कारण हृदयाघात (हार्ट अटैक) का है या किसी और बीमारी की वजह से हो रहा है ये अंतर कर पाना मुश्किल होता है। अतः छाती में दर्द का एहसास होने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आइये जाने छाती के दर्द होने के कारणों की जानकारी।
छाती में दर्द होने के प्रमुख कारण
● ह्रदय रोग
इस रोग में छाती में बेचैनी महसूस होती है। इसमें ह्रदय की माँसपेशियों में खींचाव, चुभन भरा दर्द जो ह्रदय से शुरू होकर गर्दन जबड़े एवं बाएँ बाजू में होने लगती है। घबराहट, पसीना आना पर गर्मी न लगना, कमजोरी और मितली का अनुभव होना शामिल है।
● एंजाइना
इस रोग में ह्रदय की धमनियों के सिकुड़ने की वजह से ब्लड माँसपेशियों तक नहीं पहुँच पाती है। ऐसी स्थिति में ब्लड के थक्के जम जाते हैं। जिससे रक्त के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण ह्रदय में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। परिणामस्वरुप सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द होने लगती है।
● एसिडिटी
इस रोग में पेट में ज्यादा एसिड बनने के कारण गले के तरफ खाने की नली में आने लगती है। जिससे छाती में जलन एवं दर्द होने लगती है।
● ह्रदय की उपस्थि में सूजन
इस रोग में ह्रदय की नर्म हड्डियों (कार्टिलेज) में सुजन आ जाने के कारण पसलियों में दर्द होने लगती है। ये दर्द छींकने , लेटने एवं गहरी साँस लेने के साथ और तेज हो जाती है।
● फेफड़ों से सम्बंधित रोग
फेफड़ों में टीबी रोग के कारण या खाँसी जुखाम लम्बे समय तक बने रहने पर निमोनिया रोग के कारण भी छाती में दर्द होने लगती है। इसके अतिरिक्त खाँसने पर साँस फूलने लगती है।
● डिप्रेशन के कारण पैनिक अटैक पड़ना
इस बीमारी के कारण साँस फूलना, चक्कर आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना एवं पसीना आना जैसी समस्या होने लगती है।
● छाती की मांसपेशियों में दर्द
कई बार सीने की माँसपेशियों में खींचाव की वजह से भी दर्द होने लगती है। जो आराम करने से अपने आप ठीक भी हो जाती है।
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