आज हर ओर कोरोनावायरस की चर्चा है और इसकी दस्तक भारत में भी आ चुकी है। यह रोग सर्वप्रथम चीन के वुहान में फैला और अभी तक लगभग 70 देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। यह अब एक महामारी का रूप धारण कर चुका है। संपूर्ण विश्व में 3,160 लोग इस की भेंट चढ़ चुके हैं एवं 92,943 लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं।
वर्तमान में इस वायरस से बचने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इस के संपर्क में आने से बच कर ही इस घातक बीमारी से सुरक्षित रहा जा सकता है।
इस बीमारी से मृत्यु दर 3.4 % है। अतः इस बीमारी से डरें नहीं, वरन इससे बचने के लिए पूरी एहतियात बरतें।
आइए जानते हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जनसाधारण के लिए जारी की गई सावधानियों के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप स्वयं को और अपने परिवार को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं।
अपने हाथ नियमित रूप से कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल युक्त हैंड सेनीटाइजर या एंटीसेप्टिक साबुन एवं पानी से अच्छी तरह से धोएं। इससे आपके हाथों पर उपस्थित वायरस नष्ट हो जाएंगे।
यदि आप किसी खांसते हुए अथवा छींकते हुए इंसान के संपर्क में आते हैं, तो उससे कम से कम 1 मीटर (3 फीट) का फासला रखें।
कोई खाँसता या छींकता है तो उसकी नाक अथवा मुंह से नन्ही तरल बूंदें बाहर निकलती हैं जिनमें वायरस होते हैं। यदि आप संक्रमित व्यक्ति के बहुत नजदीक होंगे तो आप अपनी श्वास के साथ वायरस सहित ये बूंदें अपने भीतर ले लेंगे और परिणाम स्वरूप आप भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएंगे।
जब आप अपने हाथों से विभिन्न चीजों जैसे
को छूते हैं तो वहां से वायरस आपके हाथों में आ सकते हैं। इस तरह से जब आप इन्हीं हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह छूते हैं, आपके हाथ में मौजूद वायरस आपकी आंखों, नाक या मुंह के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर आप को संक्रमित कर सकते हैं।
आपको श्वसन संबंधी स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। जब भी आप खांसते हैं या छींकते हैं, अपने मुंह और नाक को अपनी मुड़ी हुई कोहनी या टिशू पेपर से ढकें। उपयोग में लाए गए टिशु पेपर को फ़ौरन बंद डस्टबिन में फेंक दें।
आपके मुंह और नाक से निकली हुई नन्ही तरल बूंदों में वायरस होता है जिनसे यह फैलता है। अच्छी श्वसन स्वच्छता बनाए रखकर आप अपने संपर्क में आने वाले लोगों को जुकाम, फ़्लू और कोरोना वायरस से बचा सकते हैं।
यदि आप सुखी खांसी, बुखार अथवा सांस लेते वक्त परेशानी का अनुभव कर रहे हैं तो अपने निकटस्थ सरकारी अस्पताल जाकर चिकित्सकीय सहायता शीघ्रतिशीघ्र लें
इस बीमारी की जांच की सुविधा अभी केवल सरकारी अस्पतालों में ही उपलब्ध हैं।
आपके क्षेत्र के सरकारी अस्पताल को आपके क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण की नवीनतम हालिया जानकारी होगी। तो आप यदि उन्हें अपनी बीमारी के विषय में सूचित करते हैं तो वे आपको आवश्यक चिकित्सकीय सहायता दे पाएंगे। यह आप को सुरक्षा देने के साथ-साथ संक्रमण के फैलने को रोकने में भी मददगार साबित होगा।
पूरी तरह से पका हुआ भोजन खाएं।
मांस एवं पके हुए भोजन के लिए विभिन्न चॉपिंग बोर्ड एवं चाकू काम में लाएं।
कच्ची खाद्य सामग्री छूने के बाद पका हुआ भोजन छूने से पहले हाथ एंटीसेप्टिक साबुन एवं पानी से धोएं।
पशु एवं जो पशु बीमारी से मरे हैं, उनका मांस हरगिज़ न खाएं।
उन क्षेत्रों में जहां संक्रमण फैल रहा हो, आप पूरी तरह से पका हुआ मांस खा सकते हैं। याद रखें, मांस पकाने के बाद उसे कच्चे मांस के हाथों से न छुएं।
यदि आप ज्वर एवं खांसी से पीड़ित हैं, यात्रा न करें।
यदि आप यात्रा के दौरान बीमार हो जाते हैं, शीघ्रतिशीघ्र चिकित्सकीय सहायता लें।
अपने चिकित्सक से अपनी यात्रा का विवरण साझा करें।
यात्रा के दौरान पूरी तरह से पका हुआ भोजन ही खाएं।
बीमार पशुओं के साथ करीबी नजदीकी और यात्रा करने से बचें।
अब हम आपको कुछ और ऐसी सावधानियों के विषय में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं।
अपने इम्यून सिस्टम को संतुलित खानपान, व्यायाम और योग द्वारा सशक्त करें।
अपने घर में बार बार छूई जाने वाली चीजों और सतहों को एंटीसेप्टिक क्लीनिंग स्प्रे अथवा एंटीसेप्टिक वाइप से साफ करें।
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में न रहें।
अपने घर में 30 डिग्री से ऊपर तापमान बनाए रखें क्योंकि गर्मी में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
मछली बाजार और मांस बिकने वाले स्थानों पर जाने से बचें।
अपने घर के सभी खिड़की दरवाजे खुले रखेँ। ताजी हवा से संक्रमण का खतरा कम होता है।
भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न चीजों जैसे एस्केलेटर की रेलिंग, गेट के हत्थे, पार्क में व्यायाम के उपकरण, बच्चों के खेलने के झूले आदि छूने से बचें। यदि उन्हें छुएं तो घर जाकर हाथ अच्छी तरह से सैनिटाइजर अथवा एंटीसेप्टिक साबुन और पानी से धोएं।
लोगों से हाथ मिलाने से बचें। दूर से अभिवादन करें।
किसी का आलिंगन एवं चुंबन करने से बचें।
प्रख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव के अनुसार निम्न सावधानियां बरत कर आप कोरोना वायरस से अपना और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं।
विदेश यात्रा से लौटे लोगों से संपर्क में आने में अत्यंत एहतियात बरतें।
हर प्रकार के कृत्रिम आहार जैसे फास्ट फूड, पैकेज्ड फ़ूड और कोल्ड ड्रिंक से बचें। आजकल ऋतु परिवर्तन के समय ठंडे दही और छाछ का सेवन न करें। मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार अपनाएं।
स्वामी रामदेव के अनुसार प्राणायाम कोरोनावायरस को जीतने का मंत्र है।
वे इसके लिए भस्त्रिका प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभांती और अनुलोम विलोम की सलाह देते हैं।
रोजाना 5 मिनट सूर्य नमस्कार करें।
इसके अतिरिक्त मंडूकासन, भुजंगासन, धनुरासन, मर्कटासन, पवनमुक्तासन, ताड़ासन और गोमुखासन जैसे 5-7 आसन रोज करें।
प्राणायाम से आश्चर्यजनक रूप से हमारे शरीर की इम्युनिटी बहुत बढ़ जाती है।
गिलोय के तने के दो तीन छोटे टुकड़े, आठ दस तुलसी के पत्ते, अदरक और हल्दी की छोटी गांठों को मिक्सी में पीस लें। फिर इस मिश्रण को खूब उबाल कर छान लें। इस काढ़े की दो दो चाय की चम्मच सुबह शाम पियें।
बच्चों को आधा से एक चाय की चम्मच ताजी गिलोय के रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम दें।
इसके स्थान पर आप उन्हें रोजाना गिलोय घनवटी की आधी गोली भी दे सकते हैं।
इस संबंध में हमने डॉ शालिनी बंसल B. A. M. S., M. D. ( सिद्धांत आयुर्वेद) से भी बातचीत की जिन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुख्यतया अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उनके अनुसार आप निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में आशातीश वृद्धि कर सकते हैं।
रोज एक आंवले का सेवन करें। आंवले का मुरब्बा या आंवला कैंडी या सूखा आंवला भी खा सकते हैं।
संतरा और मौसमी का सेवन करें।
रोज एक नींबू का रस गर्म पानी में डालकर पिएं।
रोज कच्ची हल्दी का 1 इंच का टुकड़ा चबाकर खा लें।
दो कली लहसुन खाएं।
नीम के तीन से पांच पत्ते चबाकर खा लें।
सभी मौसमी फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं।
ताजी सब्जियों या टमाटर का सूप पिएं।
चवनप्राश का सेवन करें।
तरबूज, खरबूज, फ्लैक्सीड एवं चिया के बीज खाएं।
अखरोट, बादाम और खजूर का सेवन करें।
ब्लैक टी एवं ग्रीन टी का सेवन करें।
इन के अतिरिक्त 7 से 8 घंटों की नींद लें।
भरपूर पानी पिएं। ठंडे पानी की अपेक्षा गर्म पानी पिएं। अपने मुंह और गले को कभी सूखने ना दें। हर 15 मिनट पर पानी के कुछ घूंट लेते रहें।
पानी पीने से मुंह में मौजूद वायरस आपके आमाशय में चले जाएंगे जहां वे डाइजेस्टिव एसिड के प्रभाव से नष्ट हो जायेंगे। यदि आप नियमित अंतराल पर पानी नहीं पीते हैं तो यह वायरस आपके विंड पाइप से गुजरकर आपके फेफड़ों में प्रवेश कर जाएंगे जो बहुत घातक सिद्ध होगा।
डाक्टर शालिनी से हमने पूछा, कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने में मास्क का उपयोग कितना प्रभावशाली है। उत्तर में उन्होंने हमें मास्क के उपयोग के विषय में WHO की निम्न गाइडलाइंस के विषय में बताया।
यदि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो आपको मास्क तभी पहनना चाहिए यदि आप कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की देखभाल कर रहे हों।
यदि आपको खांसी है या आपको छींकें आरही हैं, तो आपको मास्क अवश्य पहनना चाहिए।
मास्क पहनने का उद्देश्य तभी पूरा होता है यदि उसका उपयोग करने वाला बारबार अपने हाथ ऐंटीसेप्टिक साबुन अथवा अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से धोए।
यदि आप एक मास्क पहनते हैं तो आपको उसका सही उपयोग और उसे फेंकने की सही जानकारी होनी चाहिए।
मास्क पहनने से पहले हाथों को अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर या ऐंटीसेप्टिक साबुन से धोलें।
अपने मुंह और नाक को मास्क से ढकें और सुनिश्चित करें कि आपके चेहरे और मास्क के बीच कोई जगह या गैप नहीं हो।
चेहरे पर लगे मास्क को छूने से बचें। यदि आप उसे छू लेते हैं, तो छूने के बाद हाथों को फिर से अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर अथवा ऐंटीसेप्टिक साबुन से धोएँ।
जैसे ही कुछ देर पहनने के बाद यह नम हो जाये, उसे उतार दें, और नया मास्क पहन लें। सिंगल यूज़ मास्क को कतई दोबारा उपयोग में न लें।
मास्क को कभी सामने से ना छूएँ। पीछे से पकड़ कर हटा दें। इसे फौरन ढके हुए डस्टबिन में फेंक दें। फिर से अपने हाथ अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर अथवा ऐन्टीसेप्टिक साबुन से धो लें।
आपको यदि छींकने या खांसी की वजह से अथवा किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल के दौरान मास्क पहनना है तो N 95 मास्क खरीदें।
यह धारणा सही नहीं है । नवीनतम सूचना के अनुसार वैश्विक स्तर पर मात्र 3.4 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु कोरोना वायरस के संक्रमण के परिणाम स्वरूप हुई है । 96.6 प्रतिशत रोगी इस संक्रमण से पूरी तरह से स्वस्थ हो गए ।
यह धारणा गलत है। बच्चों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। हां, बच्चों में इस संक्रमण का खतरा वयस्कों से अपेक्षाकृत कुछ कम होता है।
वर्तमान में कोरोना वायरस से बचाव अथवा उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवाइयां या टीके मौजूद नहीं हैं।
नहीं, एंटीबायोटिक्स मात्र बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण में प्रभावी होते हैं, वायरस से होने वाले संक्रमण में प्रभावी नहीं होते।
कोरोना वायरस एक वायरस है। अतः इससे बचाव अथवा उपचार के लिए एंटीबायोटिक उपयोग में नहीं लिए जाते।
यदि आप कोरोना वायरस के संक्रमण के पश्चात अस्पताल में भर्ती हैं तो वायरस के साथ किसी बैक्टीरिया से संक्रमण के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं।
अभी तक यह सबूत नहीं मिले हैं कि घरेलू पालतू जानवरों जैसे कुत्ते और बिल्ली से यह रोग फैलता है। तथापि अपने पालतू पशु के संपर्क में आने के बाद अपने हाथ एंटीसेप्टिक साबुन अथवा 60% अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से अवश्य धोएं।
नहीं, यह सुरक्षित है क्योंकि ये वायरस पत्र एवं पैकेट जैसी चीजों पर अधिक समय तक जिंदा नहीं रहते।
वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस चीजों की सतह पर अधिक समय तक जिंदा नहीं रहते। चीन से भारत तक सामान पहुंचने में कुछ दिन अथवा कुछ हफ्ते लगते हैं, जिसके दौरान कोरोना वायरस अपने आप नष्ट हो जाते हैं।
चीनी सामान खरीदने से आपको कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होगा।
कुछ लोगों को उनकी मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से इस वायरस का बिल्कुल संक्रमण नहीं होता वहां कुछ लोगों को अपेक्षाकृत कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र की वजह से हल्का संक्रमण हो सकता है।
इस वायरस का संक्रमण अधिकतर निम्न लोगों को प्रभावित करता है और उनके लिए यह खतरनाक सिद्ध हो सकता है:
यदि आप उपरोक्त श्रेणी में नहीं आते तो इसका अर्थ यह कतई नहीं कि आपको यह संक्रमण नहीं होगा। आपको फिर भी इससे संबंधित सारी सावधानियां बरतनी चाहिए।
यह धारणा गलत है। वायरस समय के साथ बदलते रहते हैं। कभी-कभी जब सूअर, चमगादड़ या चिड़िया में पाये जाने वाले वाइरस में परिवर्तन आते हैं तो वे इंसानों में प्रवेश कर जाते हैं ।
कोरोना वायरस इसी प्रकार अस्तित्व में आया।
नहीं, यह धारणा गलत है। हैंड ड्रायर के उपयोग से कोरोना वायरस नष्ट नहीं होते।
नहीं यह धारणा गलत है।
यह गलत धारणा है। हाथों को धोना इस बीमारी से बचाव का अचूक तरीका है।
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