Most-Popular

आँख फड़कने के आठ कारण

आँखों का फड़कना स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या का संकेत हो सकता है। तो कई बार ये आँखों के आसपास की माँसपेशियों के संकुचन के कारण भी हो सकता है। कभी – कभी कुछ मिनट तक आँख फडकने के बाद अपने आप ठीक हो जाती है।

इसके विपरीत यदि हफ़्तों तक लगातार आँखे फड़कती हैं तो असहज महसूस होने के साथ हीं संभव है किसी शारीरिक विकार के लक्षण हो। ऐसे में डाक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार स्त्रियों के बाएँ आँख का फड़कना शुभ माना जाता है। जबकि पुरुषों की दांये आँख का फड़कना शुभ माना जाता है।

 

आँख फड़कने के कारण:

1. तनाव के कारण: किसी कारणवश लम्बे समय तक तनाव बने रहने के कारण अनिद्रा की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण भी आँखे फड़कने लगती है ऐसे में नींद पूरी होने पर तनाव कम होने के साथ हीं आँख फड़कना बंद हो जाता है।

➡ तनाव कम करने के कुछ विदेशी नुस्खे

2. कैफीन या एल्कोहल का सेवन : कभी -कभी ज्यादा चाय, काफी या एल्कोहल के सेवन से भी आँखों के फड़कने की समस्या हो जाती है। ऐसे में कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन पर नियंत्रण करने से समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

3. आँखों में एलर्जी होने पर: आँखों में धूल, चुभन या लाल आँखें होने की समस्या के फलस्वरूप भी आँखे फड़कने लगती है। इन लक्षणों के उत्पन्न होने पर डाक्टर के परामर्श से आई ड्राप या दवा प्रयोग करने पर समस्या दूर हो जाती है।

4. शरीर में मैग्निशियम की कमी के कारण: शरीर में मैग्निशियम की कमी के कारण भी आँखों के फड़कने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में मैन्ग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

5. डिस्टोनिया रोग के कारण: आँखों का फड़कना डिस्टोनिया रोग का संकेत भी हो सकता है। इस बीमारी में आँखों की माँसपेशिया संकुचित होती है। इसके अतिरिक्त पार्किसंस, स्ट्रोक आदि रोग के कारण भी आँखें फड़कती हैं।

6. आँखों की रोशनी कम होना: आँखों के फडकने का कारण आँखों की लेंस का कमजोर होना भी हो सकता है। ऐसे में सही पॉवर के चश्मे का प्रयोग करने से समस्या दूर हो जाती है।

➡ आँखों की रोशनी बढ़ाने के सरल आयुर्वेदिक तरीके

7. थकान के कारण : ज्यादा काम के बोझ, चिंता या बीमारी के कारण सिर दर्द बने रहने के कारण आँखों से पानी गिरने की समस्या हो जाती है। जिससे भी आँखे फड़कने लगती हैं।

8. आँखों में नमी की कमी से: बिना पलक झपकाए ज्यादा देर तक टीवी देखने, लगातार कंप्यूटर पर काम करने या लिखने -पढ़ाई का काम ज्यादा करने से आँखों में सूखेपन की समस्या हो जाती है। जिसके कारण भी आँखें फड़कने लगती है। ऐसे में आई ड्राप डालने से आँखों का फड़कना बंद हो जाता है।

➡ आँख का फड़कना: क्या एक अंधविश्वास है या इसके पीछे छिपा है कोई वैज्ञानिक कारण?

Ritu Soni

Recent Posts

चेहरे पर होने वाले छोटे-छोटे पिंपल्स को ठीक करने के घरेलू उपाय

खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…

2 वर्ष ago

मेथी से बनी हुई नाइट एंटी-एजिंग क्रीम – क्रीम एक, फायदे अनेक

मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…

2 वर्ष ago

कुणाल कपूर के अंदाज में बनी लजीज रेसिपी नवरत्न पुलाव रेसिपी

यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…

2 वर्ष ago

सर्दियों के लिए ख़ास चुने हुए डार्क कलर सूट के लेटेस्ट डिज़ाइन

वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…

2 वर्ष ago

सर्दियों में डैंड्रफ की समस्या से बचने के असरदार टिप्स

डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…

2 वर्ष ago

इंस्टेंट ग्लो के लिए टॉप 3 होममेड चावल फेस पैक

हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…

2 वर्ष ago