हिन्दू कैलेन्डर के हिसाब से भारत में ६ तरह के मौसम होते हैं। चलिए, जानते हैं इन मौसमों के विषय में विस्तार से।
६ मौसम इस प्रकार हैं:
१. वसंत ऋतु
वसंत ऋतु को अंग्रेजी में स्प्रिंग सीजन भी कहा जाता है। वसंत ऋतु को मौसमों का राजा या ऋतुराज भी कहा जाता है। ये मौसम न तो ज्यादा गर्म न ही ज्यादा ठंडा होता है। दो हिन्दू मास – बैसाख और चैत्र इसी मौसम में आते हैं।
इस दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व जैसे- वसंत पंचमी, उगाडी, गुडी पडवा, होली, राम नवमी, बीहू और हनुमान जयंती आते हैं। वसंत ऋतु का मुख्य पर्व वसंत पंचमी है। वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। माता सरस्वती विद्या की देवी होती है। खासकर विद्यार्थी इस दिन माता सरस्वती को पूजते हैं। वसंत ऋतु में पेड़ों पर नए पत्ते और फूल आते हैं जो एक तरह से खुशियों के आगमन का प्रतीक माना जाता है।
२. ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु को समर सीजन भी कहा जाता है। जब धीरे-धीरे मौसम में गर्माहट आने लगती है तब ग्रीष्म ऋतु आरम्भ होती है। ग्रीष्म ऋतु अप्रैल में शुरू होती है और लगभग जून के माह में ख़त्म हो जाती है। दो हिन्दू मास जयेष्ठ और आषाढ़ इसी मौसम में आते है। ग्रीष्म ऋतु वसंत ऋतु के बाद आती है। ग्रीष्म ऋतु के दौरान दिन लम्बे और रातें छोटी होती हैं। ग्रीष्म ऋतु का समापन दक्षिणायन पर होता है।
३. वर्षा ऋतु
वर्षा ऋतु को मानसून सीजन भी कहा जाता है। वर्षा ऋतु के दौरान भारत में बहुत ज्यादा वर्षा होती है। वर्षा ऋतु का आगमन जून के आखरी सप्ताह में हो ही जाता है। दो हिन्दू मास श्रवण और भाद्रपद इसी मौसम में आते हैं। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण पर्व जैसे- रक्षा बंधन, कृष्णा जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ओणम आदि भी आते हैं।
४. शरद ऋतु
शरद ऋतु को ऑटम सीजन भी कहा जाता है। इस दौरान धीरे –धीरे गर्मी कम होने लगती है। दो हिन्दू मास आश्विन और कार्तिक इस मौसम में आते हैं। इस मौसम के दौरान काफी महत्वपूर्ण पर्व आते हैं जैसे- नवरात्री, विजयादशमी, शरद पूर्णिमा आदि।
५. हेमंत ऋतु
हेमंत ऋतु शिशिर ऋतु या फिर ठण्ड के मौसम से पहले आती है। दो हिन्दू मास- पौष और अगहन इस मौसम में आते हैं। इस दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व जैसे- दिवाली, भाईदूज, आदि आते हैं।
६. शिशिर ऋतु
शिशिर ऋतु को शीत ऋतु भी कहा जाता है। ये मौसम साल का सबसे ठंडा मौसम होता है। इस दौरान दो हिन्दू मास- माघ और फाल्गुन आते हैं। इस दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व जैसे – लोहरी, पोंगल आदि आते हैं।
प्रातिक्रिया दे