मानव ने हमेशा से ब्रह्मांड में पृथ्वी से इतर ग्रहों के बारे में जानकारी जुटाने के प्रयास किए हैं। कुछ प्रयास सफल रहे और इनके आधार पर समय-समय पर पृथ्वी से दूसरे ग्रहों पर मानव चरण पहुँचते रहे हैं ।
इसके लिए सबसे पहला प्रयास मानव ने चाँद को कवियों की कल्पना से निकाल कर एक ठोस धरातल के रूप में स्थापित किया। उसके बाद पृथ्वी से एक लाल तारे के रूप में दिखने वाले मंगल ग्रह को भी अपनी पहुँच में लेने का प्रयास किया और उसमें बहुत हद तक सफलता भी प्राप्त की।
कुछ समय पहले तक नासा में बैठे वैज्ञानिक इस बात की खोजबीन कर रहे थे कि मंगल ग्रह वास्तव में पृथ्वी से कितना दूर है और वहाँ कितने समय में पहुंचा जा सकता है। आइये हम भी इस सवाल को हल करने की कोशिश करते हैं।
मंगल ग्रह कहाँ स्थित है?
ब्रह्मांड में प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं, इसलिए हर ग्रह की स्थिति सूर्य को केंद्र में रखकर ही देखी जाती है। इस अर्थ में सूर्य के चारों ओर घूमने वाला चौथा ग्रह मंगल है। आकार में छोटा होने के कारण मंगल ग्रह को पृथ्वी से भी एक तारे के रूप में देखा जा सकता है।
By Lookang many thanks to author of original simulation = Todd K. Timberlake
पृथ्वी की ही भांति मंगल ग्रह भी एक स्थलीय ग्रह है जहाँ कदम रखने के लिए ठोस ज़मीन है। इसके वातावरण में भी पृथ्वी की ही भांति ज्वालामुखी, पहाड़ी संरचना, घातियाँ, रेगिस्तान जैसी संरचनाएँ मिलती हैं।
इसके अलावा अब तो मानव ने मंगल ग्रह पर पानी की भी खोज कर ली है जिससे मंगल ग्रह पर जीवन मिलने की संभावना भी प्रबल हो गई है।
मंगल की दूरी किसने नापी?
सबसे पहले पृथ्वी से मंगल ग्रह की दूरी को नापने का प्रयास वर्ष 1672 में जियोवन्नी कैसिन्नी (Giovanni Cassinni) ने पेरेल्क्स विधि का प्रयोग करते हुए किया था। इसके लिए उन्होनें अपने साथी जिन लीचर को गुयाना भेजा और स्वयं पेरिस में रुककर मंगल ग्रह की स्थिति को नापने का प्रयास किया।
इस प्रक्रिया में प्राप्त परिणामों को उन्होनें पेरिस और गुयाना के बीच की दूरी में जोड़ दिया। इस दूरी की सटीकता में केवल वर्तमान समय में नापी गई दूरी से 7 प्रतिशत का ही अंतर दिखाई दिया है।
पृथ्वी से मंगल की दूरी:
सैद्धांतिक रूप में मंगल और पृथ्वी में दूरी अधिक नहीं है। मंगल और पृथ्वी के बीच की दूरी समय-समय पर बदलती रहती है। मंगल और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी करीब 22.5 करोड़ किओलोंटर है।

इसका कारण दोनों ग्रहों के अक्षों का आकार तो अंडाकार है, अथार्थ एक समान है। लेकिन सूर्य से दूरी के आधार पर इनकी स्थिति उस पथ की लंबाई का अलग-अलग होना है। सूर्य के नजदीक होने के कारण जहाँ पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में कम समय लगता है, वहीं मंगल ग्रह को यह समय अपेक्षाकृत अधिक लगता है। लेकिन इसी घूर्णन पथ पर घूमते हुए दोनों ग्रहों की परस्पर दूरी कभी कम हो जाती है तो कभी बढ़ जाती है।
सूर्य का घूर्णन करते समय जब पृथ्वी और मंगल दोनों ही सूर्य के एक ओर आ जाते हैं तब मंगल गृह पृथ्वी के पीछे आ जाता है। इस समय पृथ्वी और मंगल की दूरी बहुत कम हो जाती है।
मंगल और पृथ्वी के बीच की न्यूनतम दूरी
पिछले वर्ष 31 जुलाई 2018 को मंगल गृह पृथ्वी से केवल 5 करोड़ 76 लाख किलोमीटर दूरी पर था। इससे पहले मंगल गृह पृथ्वी के इतना नजदीक वर्ष 2003 में आया था। उस समय मंगल और पृथ्वी की दूरी 5 करोड़ 56 लाख किलोमीटर थी। अगली बार मंगल गृह को इतना करीब से देखने के लिए आपको वर्ष 2035 का इंतेजार करना पड़ेगा।
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार मंगल गृह और पृथ्वी के बीच की दूरी अगले 25,000 वर्षों तक और घटती रहेगी।
इसके अतिरिक्त जब सूर्य की परिक्रमा करते हुए मंगल ग्रह सूर्य के दूसरी ओर पहुँच जाता है तब पृथ्वी और मंगल ग्रहों की परस्पर दूरी बढ़ जाती है। इस समय दोनों ग्रहों की दूरी 8 गुना बढ़कर लगभग 40 करोड़ किलोमीटर तक हो सकती है।
सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और मंगल, पृथ्वी लगभग 26 महीनों में एक बार मंगल ग्रह के नजदीक होकर गुजरती है। यही वह समय होता है जब अन्तरिक्ष वैज्ञानिक कम दूरी का लाभ उठाते हुए मंगल ग्रह पर अपने अन्तरिक्ष विमान भेजने का प्रयास कर सकते हैं।
इन वर्षों में मंगल पृथ्वी के करीब आया था।
24 दिसंबर 2007: 8 करोड़ 82 लाख किलोमीटर
29 जनवरी 2010: 9 करोड़ 93 लाख किलोमीटर
03 मार्च 2012: 10 करोड़ 7 लाख किलोमीटर
08 अप्रैल 2014: 9 करोड़ 24 लाख किलोमीटर
22 May 2016: 7 करोड़ 53 लाख किलोमीटर
27 Jul. 27 2018: 5 करोड़ 76 लाख लाख किलोमीटर
13 Oct 2020: 6 करोड़ 21 लाख किलोमीटर
(Source: Universe Today)
पृथ्वी से मंगल चाहे कितना भी पास और कितना भी दूर क्यों न हो, मानव वहाँ पहुँच कर जीवन की तलाश पूरी कर ही लेगा।
➡ पृथ्वी चाँद से कितना दूर है और वहां पहुँचने में कितना समय लगता है?
Kiy ham bhi marss pr ja sakte he
Phley waha pabi nhi tha par kuch logo ne ungli kar ke waha v pani nikal leya …phley Aliens Ho Na Liken as we all know water is life …Jese Dharti Pe Pani se Jeevan Ka vikash Huwa Tha wese Je Ab Waha pe Hoga….Or Ek din wo hum Tak Puch Kar humara anth kar degey..Nitin Negi